Shiv chaisa Options
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धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
शिव आरती
अर्थ: हे प्रभु जब क्षीर सागर के मंथन में विष से भरा घड़ा निकला तो समस्त देवता व दैत्य भय से कांपने लगे (पौराणिक कथाओं के अनुसार सागर मंथन से निकला यह विष इतना खतरनाक था कि उसकी एक बूंद भी ब्रह्मांड के लिए विनाशकारी थी) आपने ही सब पर मेहर बरसाते हुए इस विष को अपने कंठ में धारण किया जिससे आपका नाम नीलकंठ हुआ।
Devotees who chant these verses with extreme love develop into prosperous by the grace of Lord Shiva. Even the childless wishing to get little ones, have their wishes fulfilled following partaking of Shiva-Prasad shiv chalisa in hindi with faith and devotion.
पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै। भ्रमत shiv chalisa lyricsl रहौं मोहि चैन न आवै॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब shiv chalisa lyricsl नाम कहाई॥
On Trayodashi (13th working day from the dim and brilliant fortnights) a person need to invite a pandit and devotely make choices to Lord Shiva. Individuals who fast and pray to Lord Shiva on Trayodashi are always wholesome and prosperous.
पाठ पूरा हो जाने पर कलश का जल सारे घर में छिड़क दें।
शिव चालीसा के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।